संभल में गूंजा ‘वंदे मातरम्’: 150 वर्ष पूरे होने पर हुआ सामूहिक गायन, युवाओं में जागी देशभक्ति

संभल में शनिवार को भारतीय इतिहास संकलन समिति द्वारा वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सामूहिक गायन कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन आलम सराय स्थित गुरु गोरखनाथ मंदिर प्रांगण में हुआ, जहां देशभक्ति के माहौल में समिति के सदस्यों ने एक स्वर में वंदे मातरम् का गायन किया और भारत माता की जयकार के साथ वातावरण को उत्साहपूर्ण बना दिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और समिति के लेखक प्रमुख उमेश श्रीमाली ने वंदे मातरम् के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह गीत केवल संगीत नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा की अभिव्यक्ति है। उन्होंने बताया कि बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित यह गीत स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्रोत बना और आज भी हर भारतीय में देशप्रेम की भावना जगाता है।
समिति के जिला महामंत्री सुबोध कुमार गुप्ता ने कहा कि वंदे मातरम् की रचना 7 नवंबर 1875 को हुई थी और यह गीत भारत की स्वतंत्रता की चेतना का प्रतीक बना। उन्होंने इस अवसर को राष्ट्रीय भावना के पुनर्जागरण का प्रतीक बताया।
समिति के कोषाध्यक्ष पंकज सांख्यधर ने बताया कि 7 से 14 नवंबर तक जिले के विभिन्न विद्यालयों में सामूहिक वंदे मातरम् गायन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन आयोजनों का उद्देश्य विद्यार्थियों को गीत के अर्थ, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और स्वतंत्रता संग्राम में इसके योगदान से अवगत कराना है।
इस अवसर पर समिति के सदस्य राजेंद्र सिंह गुर्जर, सुभाष चंद्र शर्मा, कृष, प्रांजल, रजनीश, विनय, देव, पार्थ, अंकित, अंशिका सैनी, रितिका, अनिका सैनी और प्रताप सिंह आर्य सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन भारत माता की जय और वंदे मातरम् के जयघोष के साथ हुआ।
