इटावा सफारी पार्क में पर्यटकों की भारी भीड़: एशियाई शेर और अन्य वन्यजीवों के दर्शन का रोमांच

इटावा सफारी पार्क ने दीपावली की छुट्टियों में पर्यटकों को आकर्षित करते हुए खचाखच भरा हुआ दृश्य पेश किया। देश और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए सैलानी वन्यजीवों की झलक देखने और प्राकृतिक वातावरण का आनंद लेने पहुंचे। पार्क अपनी प्राकृतिक सुंदरता, स्वच्छता और बेहतरीन प्रबंधन के कारण अब उत्तर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हो चुका है।

सुबह से ही पार्क के प्रवेश द्वार पर लंबी कतारें लग गईं। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों से भरे वाहनों का सिलसिला लगातार चलता रहा। कई पर्यटक दीपावली की छुट्टियों का पूरा आनंद यहीं बिताने के लिए आए थे।

पंजाब से आए अमनप्रीत सिंह ने कहा कि लायन, लैपर्ड और भालू को इतने करीब से देखना रोमांचक अनुभव रहा। उन्होंने पार्क की साफ-सफाई, सुरक्षा और जानकारी देने वाले स्टाफ की प्रशंसा की और दोबारा आने की इच्छा जताई। कानपुर से आए रोहित गुप्ता ने कहा कि बच्चों को जानवरों के बारे में जानने और उन्हें नजदीक से देखने का यह शानदार अवसर रहा।

इटावा सफारी पार्क में एशियाई शेर, लेपर्ड, भालू, चीतल, काले हिरण, सांभर और कई दुर्लभ पक्षियों को देखने का अवसर मिलता है। विशेष रूप से एशियाई शेरों का दर्शन पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण है। सफारी में गाड़ियों में बैठकर शेरों को उनके प्राकृतिक आवास में घूमते देखना रोमांचक अनुभव देता है।

पार्क के उप निदेशक डॉ. विनय सिंह ने बताया कि दीपावली के दिन, जो आमतौर पर अवकाश होता है, इस बार पर्यटकों की सुविधा के लिए पार्क खोला गया। लखनऊ, आगरा, ग्वालियर, कानपुर और अन्य दूरदराज के जिलों से बड़ी संख्या में लोग आए। सुरक्षा, सफाई और गाइड व्यवस्था के लिए विशेष तैयारी की गई है। सभी वाहनों की नियमित जांच की जा रही है और पर्यटकों को वन्यजीवों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।

2014 में शुरू हुए इटावा सफारी पार्क ने अब तक लाखों पर्यटकों को आकर्षित किया है। यह न केवल इटावा जिले बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का विषय बन गया है। प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच का यह अनोखा संगम हर पर्यटक के लिए यादगार अनुभव साबित हो रहा है।

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