संसद में सीमा सुरक्षा को लेकर सरकार का अहम खुलासा, पाकिस्तान-बांग्लादेश बॉर्डर से जुड़े ताज़ा आंकड़े पेश

लोकसभा में देश की सीमाओं की सुरक्षा, फेंसिंग और घुसपैठ रोकने को लेकर सरकार से सवाल किए गए। प्रश्न में यह जानना चाहा गया कि वर्ष 2014 से अब तक पाकिस्तान, म्यांमार और बांग्लादेश से सटी सीमाओं पर घुसपैठ की कितनी घटनाएं सामने आई हैं और इन्हें रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के 93 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर फिजिकल फेंसिंग पूरी की जा चुकी है। वहीं भारत-बांग्लादेश सीमा पर अब तक लगभग 79 प्रतिशत हिस्से में ही बाड़ लगाने का कार्य हो सका है।
उन्होंने जानकारी दी कि भारत-पाकिस्तान सीमा की कुल लंबाई 2,289.66 किलोमीटर है, जिसमें से 2,135.13 किलोमीटर क्षेत्र में फेंसिंग का काम पूरा हो चुका है। शेष लगभग 154.52 किलोमीटर हिस्सा अब भी बिना बाड़ का है। दूसरी ओर, भारत-बांग्लादेश सीमा की कुल लंबाई 4,096.70 किलोमीटर है, जिसमें से 3,239.92 किलोमीटर क्षेत्र को फेंस किया जा चुका है, जबकि करीब 856.78 किलोमीटर हिस्सा अभी भी खुला है।
घुसपैठ के मामलों पर सरकार की जानकारी
सरकार ने यह भी बताया कि भारत-म्यांमार सीमा की कुल लंबाई 1,643 किलोमीटर है, जहां अब तक सीमित क्षेत्र में फिजिकल फेंसिंग का कार्य पूरा किया गया है। वहीं भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ की किसी भी घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
घुसपैठ के आंकड़ों को साझा करते हुए बताया गया कि वर्ष 2014 से 2024 के बीच सबसे ज्यादा घुसपैठ की घटनाएं भारत-बांग्लादेश सीमा पर दर्ज की गईं। अकेले 2024 में इस सीमा पर 977 घुसपैठ के प्रयासों को नाकाम किया गया। इसी अवधि में भारत-पाकिस्तान सीमा पर 41, भारत-म्यांमार सीमा पर 37 और भारत-नेपाल व भूटान सीमा पर 23 मामलों की जानकारी सामने आई।
सरकार ने स्पष्ट किया कि सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। फेंसिंग के साथ-साथ आधुनिक निगरानी प्रणालियों और सुरक्षा बलों की तैनाती को भी लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है, ताकि देश की सीमाओं को और सुरक्षित बनाया जा सके।
