जिन चीनी प्रोफेसर वांग झिचेंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर सराहना की, आखिर कौन हैं वे?

जिन चीनी प्रोफेसर वांग झिचेंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर सराहना की, आखिर कौन हैं वे?
जिन चीनी प्रोफेसर वांग झिचेंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर सराहना की, आखिर कौन हैं वे?

चीन के प्रोफेसर वांग झिचेंग को पीएम मोदी ने सराहा – जानिए क्या है उनकी खासियत

बीजिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के जाने-माने विद्वान प्रोफेसर वांग झिचेंग की खुलकर सराहना की है। पीएम मोदी ने उन्हें एक व्यक्तिगत पत्र लिखकर उनके कार्यों की प्रशंसा की और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में उनके योगदान को सराहा। लेकिन आखिर कौन हैं प्रोफेसर वांग, और ऐसा क्या किया है उन्होंने जो प्रधानमंत्री तक प्रभावित हो गए? आइए जानते हैं इस पूरे मामले को।

भारतीय संस्कृति के लिए समर्पित हैं प्रोफेसर वांग

प्रोफेसर वांग झिचेंग चीन में भारतीय योग, वेदांत और सांस्कृतिक मूल्यों को लोकप्रिय बनाने में लगातार जुटे हुए हैं। उन्होंने न केवल भारतीय परंपराओं को समझा है, बल्कि उन्हें आम चीनी नागरिकों तक पहुंचाने का भी काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके इन्हीं प्रयासों की सराहना करते हुए यह पत्र भेजा।

झेजियांग विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ सम्मान समारोह

हांग्झो स्थित प्रतिष्ठित झेजियांग विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने पीएम मोदी का पत्र प्रोफेसर वांग को सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने वांग के कार्यों को भारत-चीन के सांस्कृतिक संबंधों के लिए प्रेरणादायक बताया।

भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ

इस वर्ष भारत और चीन के बीच राजनयिक रिश्तों की स्थापना को 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने पत्र में योग और वेदांत जैसे भारतीय दार्शनिक विचारों को बढ़ावा देने में वांग के योगदान की विशेष सराहना की।

चीन में बढ़ती योग की लोकप्रियता

वांग के निरंतर प्रयासों से चीन में योग आज न केवल एक फिटनेस पद्धति के रूप में, बल्कि मानसिक शांति और सांस्कृतिक जुड़ाव के माध्यम के रूप में लोकप्रिय हो चुका है। लाखों लोग योग से जुड़ रहे हैं, और चीन के कई शहरों में नियमित योग कार्यशालाएं, कक्षाएं और आयोजन हो रहे हैं।

भारत-चीन सांस्कृतिक सेतु बने वांग

प्रोफेसर वांग का कार्य सिर्फ योग तक सीमित नहीं है, बल्कि वह भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक समझ और मित्रता को मजबूत करने वाले एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभरे हैं। उनकी लगन और समर्पण दोनों देशों के लोगों को नजदीक लाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

 

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