अमेठी में महिलाओं की प्रेरक सफलता: रेहाना ने सिलाई से बदली जिंदगी, रीना धूपबत्तियों से कमा रहीं लाखोंअमेठी में महिलाओं की प्रेरक सफलता: रेहाना ने सिलाई से बदली जिंदगी, रीना धूपबत्तियों से कमा रहीं लाखों

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया है। इस योजना से जुड़कर कई महिलाएं अब अपने जीवन को नई दिशा दे रही हैं।

रेहाना कौसर की कहानी

मुसाफिरखाना के पिण्डारा करनाई गांव की रेहाना कौसर पहले आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं। पति की बेरोजगारी के कारण परिवार की स्थिति मुश्किल में थी। फरवरी 2021 में रेहाना ने गंगा महिला आजीविका स्वयं सहायता समूह की स्थापना की।

समूह से ऋण लेकर उन्होंने सिलाई मशीन खरीदी और घर से ही सिलाई का काम शुरू किया। जुलाई 2022 में वह बड़ौदा यूपी बैंक में बैंक सखी बन गईं। आज रेहाना अपने परिवार को आर्थिक सहारा देने में सक्षम हैं।

रीना की धूपबत्ती व्यवसाय में सफलता

शाहगढ़ के दुलापुर कला गांव की रीना भी प्रेरणादायक उदाहरण हैं। वह जानवी स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष हैं। पहले उनका परिवार सीमित खेती पर निर्भर था। कोरोना काल में उन्होंने समूह बनाया और इसे ग्रामीण आजीविका मिशन से जोड़ा। समूह ने धूपबत्ती बनाने का काम शुरू किया।

शुरुआत में बाजार में मुश्किलें आईं, लेकिन अब उनके धूपबत्तियों की अच्छी मांग है। आज समूह की मासिक बिक्री 60-70 हजार रुपये तक पहुंच गई है। रीना का परिवार न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है, बल्कि उनके गांव की अन्य महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने की प्रेरणा भी मिली है।

प्रशासन की पहल और प्रभाव

डीएम संजय चौहान और सीडीओ सूरज पटेल के प्रयासों से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अमेठी में महिलाओं के जीवन को नई दिशा दे रहा है। जिला प्रशासन के सहयोग से महिलाएं सही मार्गदर्शन पाकर अपनी सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं। इस योजना से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधर रही है, बल्कि वे समाज में अपनी अलग पहचान भी बना रही हैं।

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