उन्नाव में समाजसेवी ने 1.51 लाख दीये वितरित किए: स्वदेशी अपनाने और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने की पहल, ऑनलाइन शॉपिंग का विरोध

उन्नाव में ‘नर सेवा नारायण सेवा’ के संस्थापक विमल द्विवेदी ने स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहित करने के लिए खास अभियान चलाया। दिवाली से पहले उन्होंने स्थानीय कारीगरों, खासकर कुम्हारों को रोजगार और सम्मान दिलाने के लिए यह पहल की। इसके साथ ही वे लगातार विदेशी वस्तुओं और ऑनलाइन शॉपिंग का विरोध कर रहे हैं।

इस क्रम में गुरुवार को द्विवेदी ने कुम्हारों से 1 लाख 51 हजार मिट्टी के दीये खरीदे और उन्हें शहर के मुख्य बाजारों व प्रमुख मार्गों पर स्वयंसेवकों के जरिए आम जनता में वितरित किया। वितरण के दौरान लोगों को स्वदेशी अपनाने का संदेश भी दिया गया।

विमल द्विवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को मजबूत बनाना हर नागरिक का कर्तव्य है। स्थानीय उत्पादों का उपयोग कर विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने से देश की अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिल सकती है। उनका संगठन कई वर्षों से यह अभियान चला रहा है, हर साल दिवाली से पहले कारीगरों से दीये खरीदकर उन्हें उचित मूल्य प्रदान किया जाता है, जिससे उनकी आजीविका मजबूत होती है।

इस पहल के दौरान मुख्य बाजारों में लोगों में उत्साह देखा गया। बच्चे, व्यापारी और आमजन स्वदेशी के समर्थन में आगे आए। कई दुकानदारों ने इस दीपावली केवल स्थानीय उत्पाद बेचने और खरीदने का संकल्प लिया।

द्विवेदी ने ऑनलाइन शॉपिंग के नकारात्मक प्रभावों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय व्यापारियों और कारीगरों की आजीविका प्रभावित होती है। उन्होंने लोगों से अपने शहर और देश के उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की और कहा, “जब हर घर में स्वदेशी की लौ जलेगी, तभी भारत सच्चे अर्थों में आत्मनिर्भर बनेगा और हर दीपावली हमारे देशवासियों के लिए गर्व का पर्व बनेगी।”

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