पूर्व DGP बृजलाल ने ट्रेनी पुलिस अधिकारियों को सिखाया नया कानून: पुलिसिंग के व्यावहारिक पहलुओं पर दी गहराई से जानकारी – मुरादाबाद समाचार

डॉ. भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी में आयोजित एक विशेष प्रशिक्षण सत्र में उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) बृजलाल ने 36 डिप्टी एसपी समेत कुल 134 ट्रेनी अधिकारियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए पुलिसिंग से जुड़े विभिन्न व्यावहारिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
सत्र में बृजलाल ने चंबल के डकैतों के खिलाफ चलाए गए अभियानों का जिक्र किया और प्रतिबंधित एवं गैर-प्रतिबंधित हथियारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किन हथियारों को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है और इनके इस्तेमाल पर क्या-क्या कानूनी दंड निर्धारित हैं।
उन्होंने आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 27(2) की जानकारी दी, जिसके तहत प्रतिबंधित हथियारों के प्रयोग पर अलग से सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही उन्होंने नए आपराधिक कानूनों में किए गए संशोधनों और उनके व्यावहारिक प्रयोगों पर भी प्रकाश डाला।
पूर्व डीजीपी ने बताया कि नए कानूनों में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ अपराधों के लिए सजा की अवधि को बढ़ाया गया है और पुलिस को कुछ मामलों में अधिक अधिकार दिए गए हैं, जिससे पुलिसिंग को प्रभावी और जवाबदेह बनाया जा सके।
इस अहम प्रशिक्षण सत्र में एडीजी राजीव सबरवाल, डीआईजी विकास कुमार, एसपी सुशील कुमार और एएसपी महेंद्र सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।