शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई: 3 साल में 115 करोड़ की अवैध कमाई के आरोप में सौम्या चौरसिया गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में जांच एजेंसी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 16 दिसंबर 2025 को सौम्या चौरसिया को हिरासत में लिया है। इससे पहले इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, जिससे यह प्रकरण और ज्यादा सुर्खियों में आ गया है।
रायपुर जोन की जांच टीम ने सौम्या चौरसिया को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से तीन दिनों की रिमांड पर भेजा गया है।
राज्य को हुआ भारी आर्थिक नुकसान
यह जांच रायपुर में दर्ज एसीबी/ईओडब्ल्यू की एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। शुरुआती जांच में सामने आया कि इस कथित घोटाले से राज्य सरकार को भारी आर्थिक क्षति हुई। जांच एजेंसियों का दावा है कि शराब कारोबार के इस नेटवर्क से करीब 2500 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई की गई, जिसे अलग-अलग माध्यमों से वैध दिखाने की कोशिश की गई।
115.5 करोड़ की अवैध राशि मिलने का दावा
जांच में यह भी सामने आया है कि सौम्या चौरसिया को लगभग 115.5 करोड़ रुपये की अवैध रकम प्राप्त हुई थी। एजेंसी के अनुसार, डिजिटल सबूत, जब्त दस्तावेज और गवाहों के बयान इस ओर इशारा करते हैं कि वह शराब सिंडिकेट की सक्रिय सदस्य थीं।
सिंडिकेट की अहम कड़ी बताई जा रही हैं सौम्या चौरसिया
जांच एजेंसी का कहना है कि सौम्या चौरसिया इस पूरे नेटवर्क की एक महत्वपूर्ण कड़ी थीं। वह घोटाले से जुड़े प्रमुख आरोपियों—विशेष रूप से अनिल टुटेजा और चैतन्य बघेल—के बीच समन्वय का कार्य करती थीं।
डिजिटल चैट्स और अन्य रिकॉर्ड्स से यह भी संकेत मिले हैं कि अवैध धन जुटाने और उसके लेन-देन की योजना में उनकी भूमिका अहम रही। आरोप है कि उन्होंने आबकारी विभाग में कुछ अधिकारियों की नियुक्तियों में भी भूमिका निभाई, जिससे कथित घोटाले को अंजाम देना आसान हो सका।
मामले में पहले भी हो चुकी हैं कई गिरफ्तारियां
इस प्रकरण में अब तक कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें पूर्व आईएएस अधिकारी, कारोबारी, वरिष्ठ अधिकारी, तत्कालीन मंत्री और राजनीतिक हस्तियों के करीबी शामिल हैं।
फिलहाल जांच एजेंसी इस पूरे मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है और संकेत दिए गए हैं कि आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
