गोरखपुर में बांस और गोबर से बनेगा पहला इको-फ्रेंडली भवन, राप्तीनगर में स्मार्ट रोड के पास होगा मॉडल प्रोजेक्ट – Gorakhpur News

गोरखपुर नगर निगम ने शहर को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक नया प्रयास शुरू किया है। इसके तहत सभी 80 वार्डों में पारंपरिक और आधुनिक तकनीक को मिलाकर ‘बंबू-काउ डंग-मड हाउस’ बनाए जाएंगे। इस योजना की शुरुआत राप्तीनगर में बन रही पहली स्मार्ट सड़क के पास बनने वाले वार्ड कार्यालय से होगी। यह भवन शहर के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट साबित होगा।
गुजरात की मनीष बंबू वर्क फर्म के ईश्वर भाई की ओर से प्रस्तुत इस प्रस्ताव के आधार पर भवन का ढांचा पूरी तरह बांस से तैयार होगा। दीवारों को मजबूत बनाने के लिए मिट्टी, गोबर, गोमूत्र, भूसा और चूने का मिश्रण इस्तेमाल किया जाएगा। यह पद्धति पारंपरिक होने के साथ-साथ आधुनिक ज़रूरतों को भी पूरा करेगी। खास बात यह है कि इस भवन में सीमेंट और ईंट का बिल्कुल उपयोग नहीं होगा।
विशेष तकनीक से तैयार होने वाली दीवारें प्राकृतिक थर्मल इंसुलेशन प्रदान करेंगी, जिससे गर्मी और सर्दी का असर कम होगा। यह भवन न केवल वार्ड कार्यालय होगा बल्कि सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर, उपकरण भंडारण, निरीक्षण और नागरिक शिकायत निवारण का केंद्र भी बनेगा।
नगर निगम का मानना है कि यह भवन स्थानीय नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण और सस्टेनेबल निर्माण तकनीक के प्रति जागरूक करने का भी माध्यम बनेगा। आने वाली पीढ़ियों को भी यह परियोजना परंपरागत और इको-फ्रेंडली तकनीक अपनाने की प्रेरणा देगी।
यदि यह मॉडल सफल रहता है, तो भविष्य में नगर निगम शहर के अन्य सार्वजनिक भवनों के निर्माण में भी इसी पद्धति का उपयोग करेगा। इससे न केवल निर्माण की लागत कम होगी बल्कि प्रदूषण भी घटेगा और टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिलेगा।