गाजीपुर में ऐतिहासिक रामलीला की शुरुआत: विधायक ने किया शंखनाद, मुकुट पूजन के बाद मंचित हुआ नारद मोह प्रसंग

गाजीपुर में अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से बीती रात ऐतिहासिक रामलीला का भव्य शुभारंभ हुआ। शहर के हरिशंकरी स्थित श्रीराम चबूतरे पर धनुष और मुकुट पूजन के बाद नारद मोह प्रसंग का मंचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे सदर विधायक जैकिशन साहू ने स्वयं शंखनाद कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस रामलीला का मंचन रायबरेली की वंदे वाणी विनायको आदर्श रामलीला मंडली के कलाकारों द्वारा किया जा रहा है।
पहले दिन के मंचन में दिखाया गया कि कामदेव पर विजय पाने के बाद देवर्षि नारद को अहंकार हो गया और उन्होंने ब्रह्मा, विष्णु और महेश से कहा कि उन्हें कोई मोह में नहीं फंसा सकता। यह सुनकर भगवान विष्णु ने मायापुरी नामक नगर की रचना की, जहां राजा शीलनिधि ने अपनी पुत्री विश्वमोहिनी का स्वयंवर रखा।
स्वयंवर में पहुंचे नारद विश्वमोहिनी पर मोहित हो जाते हैं और विष्णु लोक जाकर भगवान विष्णु से अपना रूप देने की प्रार्थना करते हैं। लेकिन विष्णु उन्हें अपने स्वरूप के बजाय वानर का रूप दे देते हैं। इसी रूप में जब नारद मायापुरी लौटते हैं तो उन्हें लगता है कि विश्वमोहिनी उनके गले में जयमाला डालेगी, लेकिन इसके विपरीत विश्वमोहिनी भगवान विष्णु के गले में जयमाला डाल देती है। इसके बाद भगवान विष्णु अपने धाम लौट जाते हैं।